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पलकें झुकाकर मुस्कुराकर क्या क्या अदा दिखाते हैं..

पलकें झुकाकर मुस्कुराकर क्या क्या अदा दिखाते हैं....
यूं इठलाकर फिर बलखाकर कैसे ये ललचाते हैं....
कुछ मिशरी सी घोली है आंखों के समंदर में....
मेरे तो अश्क भी यारो कुछ कुछ चिपचिपाते हैं....
कुछ खट्टा सा, कुछ मीठा सा, थोड़ा नमकीन भी तो है....
आ बैठ यादों के झुरमुट में शिकंजी बनाते है....

©Manish Choudhary #वो#Love
#बीती_बातें
पलकें झुकाकर मुस्कुराकर क्या क्या अदा दिखाते हैं....
यूं इठलाकर फिर बलखाकर कैसे ये ललचाते हैं....
कुछ मिशरी सी घोली है आंखों के समंदर में....
मेरे तो अश्क भी यारो कुछ कुछ चिपचिपाते हैं....
कुछ खट्टा सा, कुछ मीठा सा, थोड़ा नमकीन भी तो है....
आ बैठ यादों के झुरमुट में शिकंजी बनाते है....

©Manish Choudhary #वो#Love
#बीती_बातें