एक गुलाब मेरे पिताजी के लिये जो खुद धूप मे जला ताकि मे छाव मे रह सकू दूसरा गुलाब मेरी माँ के लिये जिसने अपनी उँगलियों को जलाया ताकि रोटी ना जल सके माँ बाप का प्यार सच्चा हे बाकी सब धोका हे Satyaa 143 #loveyoumom&ded