हैरान हूँ... जाने किसकी तलाश है अंजान राह निकल पड़ी है रूह जिस्म ख़ाली मकान है है अँधेरा बहुत! बन्द आँखों में बुझ गए हैं दिए उदास ताखों में एक आमदो रोशनी की सबब में लिहाज़ा कब से वीरान हूँ न मालूम किन परछाइयों की पहचान हूँ... बहुत बार ग़ुस्सा नहीं होता, एक हैरानी होती है बस। #हैरानहूँ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#toyou#yqlife#yqquest#yqlookingglass