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*माफीनामा*

*माफीनामा*                                                               *शबे बरात* आने वाली है
इस मुबारक रात में अल्लाह
की बारगाह में हम सब के
आमाल नामे पेश होने हैं आज 
तक मेरी तरफ से जाने अनजाने 
में कोई ग़लती गुस्ताख़ी
गी़बत हुई हो या मेरी किसी
बात से आपका दिल दुखा हो  तो 
अल्लाह की रज़ा के लिये शबे बरात
से पहले मुझे माफ़ कर दें।. माफ़ी
*माफीनामा*                                                               *शबे बरात* आने वाली है
इस मुबारक रात में अल्लाह
की बारगाह में हम सब के
आमाल नामे पेश होने हैं आज 
तक मेरी तरफ से जाने अनजाने 
में कोई ग़लती गुस्ताख़ी
गी़बत हुई हो या मेरी किसी
बात से आपका दिल दुखा हो  तो 
अल्लाह की रज़ा के लिये शबे बरात
से पहले मुझे माफ़ कर दें।. माफ़ी