" एकबार फिर 'मन' किया की चलो कुछ लिख देता हूँ, दर्द जो मेरे दिल के है, कलम के नाम कर देता हूँ, फिर ख्याल आया उस बेकसूर कागज का, वो दर्द -ऐ -अल्फ़ाज कैसे सह पायेगे अपना दर्द वो किसे बतायेगे ? सोचा ' मन ' मेरी बात मान लेता है, मैं उसके करीब जो रहेता हूँ, दर्द मेरे अपने है, किसी और को क्यों देता हूँ !! " ©Manoj Prajapati Mann दर्द क्यों देता हूँ ? #manojprajapatimann #motivation #Dard #Love #BookLife