रस्म सुपुर्द-ए-खाक की तुम्हारी सिलवटों से भरी इस दुपट्टे से भी इश्क है मुझे, कभी इस्त्री कर इन सिलवटों को तोड़ना मत तुम। जब लाश पड़ी होगी मेरी तुम्हारे घर के चैखट पर, कफऩ की जगह इसी दुपट्टे से सुपुर्द-ए-खाक की रस्म अदा करना तुम।। rasm supurd-e-khaak ki #sunpagli