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बैठो तो जरा तुम पल दो पल छलकाते है पैमाने को। तुम

बैठो तो जरा तुम पल दो पल छलकाते है पैमाने को।
तुम लेना पूँछ किसी से भी दुनिया जाने दीवाने को। 

ना दोष हमें तुम दो कोई इसमें तो दोष तुम्हारा है,
होठों से पिलाई गर होती जाते ना हम मयखाने को। 

जब साथ नहीं है तू मेरे बतला कैसे जीवन काटें ,
मुश्किल से ढूँढा है सच में हमने तो इस तयखाने को। 

तुम कुछ पल ठहरो तो पहले फिर हम दिल की बात करें,
क्यों होते हो इतने आतुर दिल के शोले भड़काने को। 

खुद तो समझा ना जीवन भर पर औरों को समझाते है,
अपनी आँखो से देखा है हमने इस धूर्त जमानें को।

©Ramavtar Pal
  #Bhaबैठो तो जरा तुम पल दो पलiDooj2023
ramavtarpal2539

Ramavtar Pal

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#Bhaबैठो तो जरा तुम पल दो पलiDooj2023 #कविता

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