#मेरो पहाड़ #पहाड़ी #सूरत #पनाह सुरतें -हाल हूबहू लिखती हूँ काव्य का स्तर गिर रहा ये भी बात मै खूब लिखती हूँ पनाह दो मुझे भी पहाड़ मै मिट्टी से खूब स्नेह रखती हूँ मुझे तुम्हारे क्षरण ओर दोहन का साक्षी नहीं बनना मै संस्कृति ओर तुम्हारी हरियाली से प्रेम रखती हूँ एक नदी नें पहाड़ को काट कर राश्ता बना लिया यही तो है प्रयास, प्रेम ओर स्नेह...... ©Mallika #pahad quotes #pahadi #Mero pahad #hills