क्यों बेइंतहा चाहत तुझसे,ये मत पूछिए कब,कहां,कैसे क्यों हुआ ये सब,मत पूछिए ख़बर है बेशक हस्र की चरागों पर मंडराने की क्यों होना है फ़ना चाहत में यह मत पूछिए #चाल कश्तियों की डूब जाती है साहिल के पासभी बचाऊगा तुझे कैसे जज़्बातों के भंवर से ये मत पूंछिए 💞 ©Kuldeep Shrivastava बेइंतहा चाहत