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जिस महफ़िल में एक वक्त भीड़ हुआ करती थी आज उसी में

जिस महफ़िल में एक वक्त भीड़ हुआ करती थी
आज उसी में मै अकेला बैठा हूं
उन पहलुओं को शायरी में बया करता हूं
अरे मुर्शद! 
हमने लोगों के मुंह पे क्या बोलना सीखा
उन्होंने तो हमसे ही बैर बांधलिया।

@saurav #suchai
जिस महफ़िल में एक वक्त भीड़ हुआ करती थी
आज उसी में मै अकेला बैठा हूं
उन पहलुओं को शायरी में बया करता हूं
अरे मुर्शद! 
हमने लोगों के मुंह पे क्या बोलना सीखा
उन्होंने तो हमसे ही बैर बांधलिया।

@saurav #suchai
sauravgarg3394

Saurav Garg

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