कश्मीर का राग जो गाते हैं , उनमें हम कुछ एसा पाते हैं। भारत की भूमि पर रहकर भी , पाकिस्तान का आलाप गाते हैं। . भारत माँ के जयकारों से , जिन्हें समस्या आती हैं। उन्हें कुछ समझाने में , हमे लज्जा क्यों आती है। . हम उनको कुछ न समझा पाते , न ही कुछ दिखला पाते हैं। हिन्दुस्तान की धरा पे खडा है तू , यहाँ हिन्दू ही शेर कहलाते हैं। . सर्जिकल स्ट्राइक को धोखा बतलाकर , हीन मानसिकता दिखलाते हैं। सत्ता के गलियारों में , भारत को नीचा बतलाते हैं। . सेना के शौर्य को आओ मिल कर , नमन कर लेते हैं। तिरंगे की शान के खातिर , चोले में फिर रंग जाते हैं। . भारत माँ के जयकारों को , दिल में सजों कर जाते हैं यूँ ही नहीं हम हिन्दू कहलाते हैं . संदीप धाकड़ तिनस्याई country is first