Nojoto: Largest Storytelling Platform

#OpenPoetry सूरज ऊपर आ गया और खुली नहीं हैं मेरी आ

#OpenPoetry सूरज ऊपर आ गया और खुली नहीं हैं मेरी आंख
मम्मी चिल्लाते हुये आयी और लगा दी मेरी डांट

उठो जल्दी तैयार हो, क्या स्कूल जाना नहीं तुम्हें ?
इतनी देर कर ली, क्या आज भी नहाना नहीं तुम्हें ?

मुझे उठाकर मम्मी काम करने किचिन को चली गयी
आंख से पहले मेरी नाक खाने की खुशबू से खुल गयी

बगैर नहाये जल्दी से तैयार होकर मैं नाश्ता करने गया
मम्मी ने डांटकर कहा आज भी तुमसे नहाया नहीं गया

जल्दी-जल्दी पर भरपूर स्वाद लेकर किया मैंने नाश्ता
मम्मी को बाय-बाय कहकर उठा लिया मैंने बस्ता

गाड़ी आयी और हम उस में बैठ कर चल दिये
स्कूल में हम खेलने-कूदने और पढ़ने चल दिये

© आंजनेय अंजुल #बचपन_और_स्कूल #आंजनेय_अंजुल
#OpenPoetryChallenge #OpenPoetry #NojotoNews #NojotoHindi # Pintu Ghosh Ravindra Kumar Bijendra Kumar Amit Kumar Yadav Guriya Kumari
#OpenPoetry सूरज ऊपर आ गया और खुली नहीं हैं मेरी आंख
मम्मी चिल्लाते हुये आयी और लगा दी मेरी डांट

उठो जल्दी तैयार हो, क्या स्कूल जाना नहीं तुम्हें ?
इतनी देर कर ली, क्या आज भी नहाना नहीं तुम्हें ?

मुझे उठाकर मम्मी काम करने किचिन को चली गयी
आंख से पहले मेरी नाक खाने की खुशबू से खुल गयी

बगैर नहाये जल्दी से तैयार होकर मैं नाश्ता करने गया
मम्मी ने डांटकर कहा आज भी तुमसे नहाया नहीं गया

जल्दी-जल्दी पर भरपूर स्वाद लेकर किया मैंने नाश्ता
मम्मी को बाय-बाय कहकर उठा लिया मैंने बस्ता

गाड़ी आयी और हम उस में बैठ कर चल दिये
स्कूल में हम खेलने-कूदने और पढ़ने चल दिये

© आंजनेय अंजुल #बचपन_और_स्कूल #आंजनेय_अंजुल
#OpenPoetryChallenge #OpenPoetry #NojotoNews #NojotoHindi # Pintu Ghosh Ravindra Kumar Bijendra Kumar Amit Kumar Yadav Guriya Kumari