उन जुल्फों में काली रातें,उन आंँखों में सुबह की चमक देखी है । जो देखा उसे तो, मोहब्बत में हमने इबादत की महक देखी है। उस दिन के बाद हमने,रातों को खिड़की नहीं खोली उस रश्क-ए-क़मर की जिस दिन,हमने झलक देखी है। Challenge-156 #collabwithकोराकाग़ज़ 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) (रश्क-ए-क़मर का अर्थ है चाँद की ईर्ष्या (Envy of the Moon) सीधे शब्दों में अर्थ - ख़ूबसूरती ऐसी कि चाँद को भी जलन होने लगे) #रश्क_ए_क़मर #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️