बारिश के पानी में कागज की कश्ती चलाना। हमें याद आता है अब भी वो गुजरा जमाना। न जाने कितने ही ख्वाबों की कश्ती बनाई। और अपने जीवन की नैय्या में उनको चलाई। कुछ डूबी, कुछ पार उतरीं कुछ वापस भी अाई। बचपन की सब बातें आज हमें फिर याद आईं। जाने कहां खो गए वो अल्लड़पन वो नादानी। दादी नानी सुनाती थी हमको जिनकी कहानी। लाएं कहां से हम फिर वो कश्ती और वो पानी। कैसे बनाएं अपने जीवन की एक नई कहानी । #Kazag #kashti #keywordsofvidi #ervaisnavi_dixit #collabwithme Poem of the month competition ..... 🐥 इस प्रतियोगिता में आपको हर रविवार को ही title/topic दिया जायेगा । 🐥 collaboration का समय सुबह 10:30am से 11:30pm बजे है। 🐥 आपको महीने की अंतिम तारीख को प्रशंसापत्र प्रमाणपत्र मिलेगा .(poem of the month).