मेरा ख्वाब किसी की हक़ीक़त बन किसी के साथ खड़ा था और मैं देख उसे फिर एक ख्वाब देख रहा था खवाबों ही खवाबों में रह गया मैं मैं टूटा बड़ी जोर से मगर आवाज नहीं की ये सोच कर कहीं वो जाग ना जाए जो मेरे दिल में सौ रहा था #दिपकमल 26/3/2021 ✍✍💔 ©Deep kamal