मेरा प्रेम, तुझे किसी और की जो याद दिलाये, जी जलता है मेरे आगोश में, किसी ग़ैर का तू नाम पुकारे, जी जलता है मुझे हक़ नहीं तेरे अतीत पर पर वर्तमान तो मेरा है चल रात घनी थी, बीत गयी क्यूं भोर में भी अंधेरा है मैं कदम मिला के साथ चलूँ, मुड़ तू निहारे, जी जलता है मेरे आगोश में, किसी ग़ैर का तू नाम पुकारे, जी जलता है #CompanyGarden