समय का एक क्षण नहीं खरीद सकता कोई धन, कोई रत्न और हम प्रतिदिन कितने क्षण व्यर्थ बिता रहे हैं कितना अनमोल धन प्रतिदिन गंवा रहे हैं हास्यास्पद है कि किसी को कोई लज्जा नही, कोई भय नहीं! समय का एक क्षण नहीं खरीद सकता कोई धन, कोई रत्न और हम प्रतिदिन कितने क्षण व्यर्थ बिता रहे हैं कितना अनमोल धन प्रतिदिन गंवा रहे हैं