समीक्षा के समक्ष खड़ी रहती है एक एक महीन सी रेखा गुरूर और अना की समीक्षा जिससे टकरा कर आलोचना बन जाती है। #yourquote #poetrylights #criticism #positivity 😊 "समीक्षा के समक्ष खड़ी रहती है एक एक महीन सी रेखा गुरूर और अना की समीक्षा जिससे टकरा कर