Vote सादर प्रणाम जी, जिन्हें सरकार द्वारा बेल्ट मिलती है उन सब का एक ही उद्देश्य होता है की देश की सुरक्षा में शहीद हो जाना ,चाहे राज्य की फोर्स का हो या केंद्र की फोर्स , पुलिस वाले यदि चोर सिपाही की लड़ाई में मारे जाते हैं तो उन्हें कोई दुख नहीं होता अच्छा महसूस करते हैं लेकिन जब हमारे अपने ही जिन की रक्षा के लिए पुलिस वाले काम करते हैं वही हमारे दुश्मन बन जाए और मारे जाते हैं बहुत बड़ा दुख होता है क्योंकि कोई भी मृत्यु अपनों के बीच होती है वह शहीद नहीं कहलाती ,उससे तो बहुत पीड़ा होती है इसी प्रकार जब फौजी दुश्मन से लड़ाई करते हुए युद्ध में मारा जाता है तो वह शहीद कहलाता है और जब अपने देश के लोगों के द्वारा मारा जाता है तो बहुत दुख होता है इसलिए देश की सरकार को इस प्रकार की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे हमारे पुलिस वाले और फौजी देश की जनता के द्वारा शहीद ना हो इससे बहुत दुख होता है । देशवासियों, ये फौजी आपके बच्चे हैं आप की सुरक्षा के लिए ही जान कुर्बान करते हैं , ये वीर बहादुर युद्ध में मरना पसंद करते हैं। पुलिस वालों के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है जिन की हिफाजत करते हैं वही लोग उन पर आक्रमण कर देते हैं कहीं-कहीं तो जान भी ले लेते हैं जिस देश के अंदर ब्राह्मण और क्षत्रिय, ज्ञान और शक्ति का अपमान होने लगता है वह देश ज्ञान और शक्ति के अभाव में कमजोर पड़ जाता है उस देश पर शक्तिशाली देश काबिज हो जाते हैं जय हिंद। ©Dr shripal Fauji #voting