मैंने जो भी किया वो मेरी वफ़ादारी का सबूत है तुम समझते हो कि "पागल" बिल्कुल बेवकूफ़ है मै हुक्म बजाता रहा, मगर तुम मुझे गिराते ही रहे मेरी इबादतों सिला दिया तुमने भी, क्या खूब है मैं वो सोना हूँ जो सदा चमकता ही रहा है तुम वो गिरगिट हो जिसके कई रंग रूप हैं हाथ जब भी उठा है मेरा, कुछ दे कर ही गया है तुम ना समझो कि तुम्हारे दम से, मेरा वजूद है गर तक़दीर में है, तो कहीं छाँव मिल ही जाएगी वर्ना क़र्बला की प्यास से भी ज्यादा, क्या ये धूप है इजाज़ अहमद "पागल" #ejaz #pagal #yqghalib #shayari #yqdidi #yahussain