बिहार की बाढ ऐसी कौन सी आफत है यार बाढ ही तो है। केरल नहीं मुंबई नहीं बिहार ही तो है। क्या हो गया जो पैर ये कीचड़ में सने हैं रुक ही जाएगी एक दिन बरसात ही तो है। कितनो के घर डूब गए,कितनो की गई जान कोई गो हत्या हुई नहीं ना,इंसान ही तो है। ये जो हमारे हुक्मरान महलों में बसे हैं इन्हें क्या समझ आयेंगे, जज्बात ही तो है। रो- रो के तुम जो अपना हाल सबको बताते मुर्दों की सारी बस्तियां हैं, शमशान ही तो है। चलो हम अपना आशियां फिर से बसाएंगे सर पे अभी भी कम से कम आसमान ही तो है। Written by Mehar Bihar ki badh #prayforbihar