जो मंजिल नही थी मेरी फिर भी उस राह का रही हूं । दिल में ठंडक थी मेरे इसलिय मिट्टी की सुराही हूं । इतिहास बन जाना सपना था मेरा , शायद इसलिए कलम की स्याही हूं । #hindi_nojoto #मेरा_कलम_से