भक्ति रस - भजन स्वप्न सुनहरे सच करना मेरे राम, (repeat @5) पथ पथ उन्नति के सजाना सोपान, डगमग ना हो जाऊं इन राहों में, पग पग देते रहना शक्ति बलवान । विचलित न हो कोई मेरे अरमान, नित नित अंतर्मन में गुँजाना सुकाम, बिखर न जाऊं इस जग के मेले में, पल पल रखना मेरी काया को थाम । कर्तव्य पालना का मिले मुझे ज्ञान, नित नित हो कुशलता के नव निर्माण, मतिभ्रमित न हो जाऊं जंजालों में, पल पल रखना मेरे मन का ध्यान । सद्भाव प्रेम भरे ऊँची उड़ान, पथ पथ संस्कारों की हो पहचान, फिसल न जाऊं चुपड़ी बातों में, पल पल जपाना मेरे मुख से राम । कवि आनंद दाधीच, भारत ©Anand Dadhich #रामभजन #rambhajan #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia #hindi_poetry #NojotoRamleela