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वल्लाह हुस्न-ए-अप्सरा मानो आज जमीं पर उतर आई है, द

वल्लाह हुस्न-ए-अप्सरा मानो आज जमीं पर उतर आई है,
देख उसका गौरवर्ण चाँद सितारों ने हया की चुनर ओढाई है,

सर-ए-आईना अक़्स तेरा,पस ए आईना कोई और नजर आए,
चाह-ए-वस्ल यार,दिल ए दास्तां सुनाने को वक्त-ए-तन्हाई है,

दिल-ए-तम्मना मेरी हमनशीं दिल तेरी आग़ोश में पनाह पा जाये,
मुज्तरीब बेचारा ए दिल आतिश- ए - इश्क में फ़ना-ए-रिहाई है। "अजीज/प्रिय"  "कातिबों/लेखकों"

👉आज की बज़्म/प्रतियोगिता के लिए आज का हमारा अल्फ़ाज़/शब्द है
👇👇👇
🌷"हया / حیا"🌷
🌺"Hayaa"🌺

👉तहरीर/मतलब- शर्म, लज्जा
वल्लाह हुस्न-ए-अप्सरा मानो आज जमीं पर उतर आई है,
देख उसका गौरवर्ण चाँद सितारों ने हया की चुनर ओढाई है,

सर-ए-आईना अक़्स तेरा,पस ए आईना कोई और नजर आए,
चाह-ए-वस्ल यार,दिल ए दास्तां सुनाने को वक्त-ए-तन्हाई है,

दिल-ए-तम्मना मेरी हमनशीं दिल तेरी आग़ोश में पनाह पा जाये,
मुज्तरीब बेचारा ए दिल आतिश- ए - इश्क में फ़ना-ए-रिहाई है। "अजीज/प्रिय"  "कातिबों/लेखकों"

👉आज की बज़्म/प्रतियोगिता के लिए आज का हमारा अल्फ़ाज़/शब्द है
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🌷"हया / حیا"🌷
🌺"Hayaa"🌺

👉तहरीर/मतलब- शर्म, लज्जा