श्रीकृष्ण का मथुरागमन -2
निठुर अक्रूर बनकर दूत वृन्दावन चला आया
है मथुरा से दुरात्मा कंस का संदेश ये लाया
हैं शोकातुर हृदय सब ग्वालिनों के आज ऐ भगवन
हैं मुख कुम्हला गए अंखियों में पानी है, व्यथित हैं मन
हैं निर्मम क्यों बने कान्हा दया उनको नहीं आती
हुआ क्या अब कि ब्रज की गोपियां उनको नहीं भाती #bhajan#Devotional