Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं अकेला ही चला था..... जानिब-ए-मंज़िल मगर...लोग

मैं अकेला ही चला था..... जानिब-ए-मंज़िल मगर...लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया....
~Majrooh Sultanpuri

कुछ जुड़ते गए....कुछ छूटते गए पर.... करवा बनता गया...  अौर हम चलते ग‌ए.....
राही राहों में चलते  रहे और हमैं राहों से प्यार होता गया....होता गया.....
                            ~शायर ओड़िया Kabhi Puch Hum Kese Jitee Haen???
मैं अकेला ही चला था..... जानिब-ए-मंज़िल मगर...लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया....
~Majrooh Sultanpuri

कुछ जुड़ते गए....कुछ छूटते गए पर.... करवा बनता गया...  अौर हम चलते ग‌ए.....
राही राहों में चलते  रहे और हमैं राहों से प्यार होता गया....होता गया.....
                            ~शायर ओड़िया Kabhi Puch Hum Kese Jitee Haen???