उनको मेरे हाथ की बनी एक कप चाय पिलानी थी ज़िन्दगी के कुछ पल उनके साथ बितानी थी सपनो को उनके साथ मिलकर सजानी थी अब जो वो चले गये हैं छोड़ कर हमे, शिकायत नही हैं उनसे कुछ भी हमे बस एक आरजू थी हमारी भी एक बार उनको मेरे हाथों से बनी चाय पिलानी थी #एक_कप_चाय