वर्षों के कशमकश के बाद भी, ये रास्ते ख्वाहिशों की, बड़ी ज़िद्दी मालूम पड़ती है, पर हमनें भी ठान रखी है, जब तक आलिंगन मंज़िल से न हो, फासले बढ़ते ही क्यों न रहे, दोगुनी रफ्तार से पीछा करता रहूँगा। फ़ासले कम न हुए... #फ़ासले #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi