प्रेम का पैमाना मुझसे मिलने आती है वो, बहुत सजकर सँवर कर। मैं प्रेम उससे करता हूँ, अपनी रूह तक उतर कर। कौन उसे समझाए, कि प्रेम आवरण नहीं देखता है, गर ऐसा है तो होती भीड़, केवल सुंदरियों के दर पर! दिल की पहली हलचल से ही, तय होते हैं यहाँ इरादे! जीवन पर्यंत रहेगा बंधन, या फ़िर टूटेंगे कसमें वादे! यह वो रिश्ता नहीं, जो किसी भी हाल में बदल जाए, किसी झूठी कहानी में भी, मुझे कोई जरा दिखला दे!! ग़र सुंदरता ही है यहाँ, सच्ची मुहब्बत का पैमाना! तो मुश्किल है मेरे लिए, किसी से भी दिल लगाना। अब ऐसा भी नहीं है, कि मैं दिखता बहुत बुरा हूँ, बस नहीं चाहता मैं, किसी की भी सूरत आजमाना। प्रेम का पैमाना, रहा नहीं कभी खिलता गुलाब है!! दिखता है प्रेम को प्रेम, कि नज़र उसकी खराब है। प्रेम से इतर प्रेम को, मंज़ूर नहीं है कुछ और भी; प्रेम के बदले प्रेम, एकदम सीधा-साधा हिसाब है।। #truelove #sachchimohabbat #love #mohabbat #prem #pyar #ulfat #chahat