मेने धीमी कर रखी थी ज़िंदगी की रफ्तार वो वक्त का तकाज़ा था अब जो सब सब दौड़ पड़े हैं मुझे भी चलना होगा थम के नही गुजरती ज़िन्दगी इसे रफ्तार देना होगा डर के साये में गुजरे हैं महीनों डर के ख़ौफ को मात देना होगा क़ैद में कटी हैं महीनों के अब खुले आसमां में निकलना होगा ये #NewNormal है क्या इसको हमें जीना होगा -राकेश तिवारी- #newnormal #backtooffice #officelife #workisworship #workislife #satysafe #hindishayari #hindiquotes