मेरे वो चार जोड़ी कपड़े बेहद खास हैं एक नीली फ्रॉक है, जिसे लेने को खूब उधम मचाया था जब मैं उसे पहन कर मोहल्ले में इतराती फिर रही थी पापा की जेब में उधार के वही 500 रुपये थे जिससे वो राशन के बदले फ्रॉक ले आये थे दूसरी मेरे स्कूल की वो स्कर्ट प्यारी है जिसे मैं बड़े प्यार से तह करती जिसके घेरे में पहली बार मैंने बचपन से यौवन की पहेली समझी कमर की चौड़ाई, और वो दाग के छींटें उसमें लगे नीली काली स्याही के निशान तीसरा मेरा महँगा सा कुर्ता मेरे बड़े भैया ने बड़े चाव से दीवाली पे खरीदा वो शायद पहला लम्हा था जब किसी ने मुझे खूबसूरत कहा था और वो ही मौका था, जिसमें किसी ने उसे मेरे तन से खींचा था दर्द, अपमान, घुटन, चुप्पी को सहता वो मेरा वो चमकीला कुर्ता जिसे मैंने एक दिन उतार फेंका उस दिन से पहना मैंने अपना चौथा और आखिरी कपड़ा साँवला, दागों से भरा अनचाहा बेमर्जी का वो टुकड़ा पहली बार मुझसे बाखुशी आ कर लिपटा #YQbaba #YQdidi #कपड़ा