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#अब_के_बरस_सावन_में सुबह सुबह बरसती ठंडी-ठंडी बार

#अब_के_बरस_सावन_में 
सुबह सुबह बरसती ठंडी-ठंडी बारिशें
रोज तुम्हारी याद दिला जाती है

 ऐसी ही शाम थी मगर वो शाम 
 बहुत हसीन थी

समंदर में माँझियों के गीत गाती शाम थी 
साहिल पे चलते हुए हुए दो हाथ थे 
एक तेरा एक मेरा ...
#अब_के_बरस_सावन_में 
सुबह सुबह बरसती ठंडी-ठंडी बारिशें
रोज तुम्हारी याद दिला जाती है

 ऐसी ही शाम थी मगर वो शाम 
 बहुत हसीन थी

समंदर में माँझियों के गीत गाती शाम थी 
साहिल पे चलते हुए हुए दो हाथ थे 
एक तेरा एक मेरा ...