स्मरण रखिए, संसार की प्रत्येक उत्तम वस्तु पर तुम्हारा जन्म सिद्ध अधिकार है। यदि तुम अपने मन के गुप्त महान सामर्थ्यों को जागृत कर लो और लक्ष्य की ओर प्रयत्न, उद्योग और उत्साहपूर्वक अग्रसर होना सीख लो तो जैसा चाहो आत्म निर्माण कर सकते हो। आत्म निर्माण