#LabourDay पुराने मिलों के खंडहर से उम्मीद तोड़ कर आए है, की बदल पाऊं जो चादर गरीबी की ओढ़ कर आएं है, ऐ पत्थर दिलवाले, तेरे पथरीले शहर को सजाने, अपने गांव की हरी भरी मिट्टी को छोड़ कर आए है, -Gagan Kamat #Migrant Worker