सफ़-ए-अव्वल में तो दुश्मन थे मिरे और् पीछे, मेरे अहबाब भी थे तीर चलाने वाले। अब न मझधार न तूफान में मांझी कोई, लोग साहिल पे हैं बस शोर मचाने वाले। اب نہ مجھدھار نہ توفان میں مانجھی کوئی لوگ ساحل پہ ہیں بس شور مچانے والے #yqaliem #yqbhaijan #dushman #ahbaab #shor #majhdhaar #tufaan #maanjhi सफ़-ए-अव्वल - First row अहबाब - Dear ones