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पढ़ लिखकर कुछ करना चाहती हूं, ना कर पिंजरे में कैद

पढ़ लिखकर कुछ करना चाहती हूं,
ना कर पिंजरे में कैद मुझे, मैं उड़ना चाहती हूं,
मदमस्त इस जवां दिल को धड़काना चाहती हूं,
मासूम सा दिल मेरा, 
इस पर बाब-ए-किताब लिखना चाहती हूं,
दे उड़ान मेरे पंखों को बाबुल,
मैं अभी और ऊंचा उड़ना चाहती हूं,
देख मौसम की रवानीओं को,
इनके साथ मचलना चाहती हूं,
ना बाद मुझे जिम्मेदारियों की जंजीरों से,
मैं अभी और उड़ना चाहती हूं। 🎀 Challenge-442 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 

🎀 रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 

🎀 अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
पढ़ लिखकर कुछ करना चाहती हूं,
ना कर पिंजरे में कैद मुझे, मैं उड़ना चाहती हूं,
मदमस्त इस जवां दिल को धड़काना चाहती हूं,
मासूम सा दिल मेरा, 
इस पर बाब-ए-किताब लिखना चाहती हूं,
दे उड़ान मेरे पंखों को बाबुल,
मैं अभी और ऊंचा उड़ना चाहती हूं,
देख मौसम की रवानीओं को,
इनके साथ मचलना चाहती हूं,
ना बाद मुझे जिम्मेदारियों की जंजीरों से,
मैं अभी और उड़ना चाहती हूं। 🎀 Challenge-442 #collabwithकोराकाग़ज़

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mrsrosysumbriade8729

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