तुफ़ान कुछ इस तरह बढ़ रहे हैं हम औरो से कम खुद से ज्यादा लड़ रहे हैं माना बेगुनाह है मगर गुनाह भि हम हि कर रहे हैं यू तो फ़िक्र है हमे हर बात कि ना माने तो हर बात से बेफ़िक्र हो रहे हैं नज़रो मे गिरे नहीं औरो कि बस खुद कि नज़रो मे गिरते जा रहे हैं तुफ़ान कुछ इस तरह बढ़ रहे हैं हम औरो से कम खुद से ज्यादा लड़ रहे हैं माना बेगुनाह है मगर गुनाह भि हम हि कर रहे हैं यू तो फ़िक्र है हमे हर बात कि ना माने तो हर बात से बेफ़िक्र हो रहे हैं नज़रो मे गिरे नहीं औरो कि बस खुद कि नज़रो मे गिरते जा रहे हैं