संभल जाओ........ बहुत नाज़ुक हैं हालात, संभल जाओ काबू में रखो जज़्बात, संभल जाओ संभल जाओ कि दुनिया तुम्हारे पीछे है, यही डरने की है बात ,संभल जाओ। चाहते हैं मिटाना तुम्हारी हस्ती,संभल जाओ चारों तरफ बस चुकी है उनकी बस्ती संभल जाओ जलकुंभी से फैले हैं हर ओर, उन्हें देखो तो