तू दरिया अपनी मौजों की मैं किनारे पे बनी मजार घाट का पत्थर खामोश है हैं नदी के रंग हजार मदहोश हूँ तेरी आदत पे यौवन है तेरा श्रृँगार दुनिया रब का सजदा करे मैं तेरा रहूँ शुक्रगुजार क्या कहूँ तेरे बारे में किन लफ्ज़ों में करूँ इज़हार आधे हिस्से में अपना प्यार लिखा आधे हिस्से में लिखा तेरा इंतजार... ©abhishek trehan ♥️ Challenge-575 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।