कैसा इश्क़ हुआ ह तुमसे लो आज तुम्हे बतलाता हूं की नहीं चाहता तुम्हे दिल की बात बताऊं रात दिन तुम्हारा नाम चिल्लाऊं ,रोऊं, छाती पीटू तुम्हे सुनने पर मजबूर कर दूं मेरी बात तुमपे हुकुम चलाऊं, तुम्हारा मालिक बन जाऊं याद बस तुम रहती हो खुद को भूल जाता हूं की नहीं चाहता तरह तरह की करतब दिखलाऊं अपनी तरफ तुम्हें रिझाऊं कोई दूसरा बन जाऊं तुम्हें देखने पर मजबूर कर दूं मेरी हर हरकत खींचूं अपनी ओर ,तुम्हें अपना दीवाना बनाऊं तुम्हारे जलवे देख के तुम्हारा दीवाना बन जाता हूं बस चाहता हूं तुमको ध्यान में लाऊं एकदम शांत होकर तुमको सोचूं ख़ामोश निगाहों से पूजुं तुमको सच्चा पवित्र प्रेम निवेदन भिजवाओ मै इस राज से आज पर्दा उठता हूं ऐसा इश्क़ हुआ ह तुम से लो आज तुम्हें बतलाता हूं जो हारून तो तुमपे खुदको हार जाऊं जो जीतूं तो तुम्हारा हो जाऊं जो खो जाऊं तो तुममें ही मिलूं जो मिल जाऊं तो तुम हो जाऊं यही प्रार्थना यही बात दोहराता हूं ऐसा इश्क़ हुआ ह तुमसे लो आज तुम्हें बतलाता हूं mera ishq