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जिंदा हूं मैं थोड़ा मैं थोड़ा मर चुका हूं बाकी हूं


जिंदा हूं मैं थोड़ा
मैं थोड़ा मर चुका हूं
बाकी हूं थोड़ा ख़ुद में
थोड़ा ख़ुद में मिट चुका हूं

आज़ाद भी नहीं हूं
मैं बरबाद भी नहीं हूं
थोड़ा नसीब ने लिख दिया है
थोड़ा ख़ुद मैं लिख चुका हूं

मिट्टी का मैं बना हूं
तुम बूँदों सी बरस रही हो
थोड़ा दूर हुआ हूं ख़ुद से
थोड़ा ख़ुद में बच गया हूं...
© abhishek trehan 🎀 Challenge-259 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।

जिंदा हूं मैं थोड़ा
मैं थोड़ा मर चुका हूं
बाकी हूं थोड़ा ख़ुद में
थोड़ा ख़ुद में मिट चुका हूं

आज़ाद भी नहीं हूं
मैं बरबाद भी नहीं हूं
थोड़ा नसीब ने लिख दिया है
थोड़ा ख़ुद मैं लिख चुका हूं

मिट्टी का मैं बना हूं
तुम बूँदों सी बरस रही हो
थोड़ा दूर हुआ हूं ख़ुद से
थोड़ा ख़ुद में बच गया हूं...
© abhishek trehan 🎀 Challenge-259 #collabwithकोराकाग़ज़

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