काश कह पाते कुछ लोगो से जाओ जाओ जाओ मेरी जिंदगी से नही चाहिए तुम जाओ जाओ जाओ तुम्हारी वजह से हमने अपनी आधी ज़िंदगी सही से नही गुजारी अब भी तुम हो वैसे ही बिल्कुल भी कुछ भी नही बदला न तुम न तुम्हारा स्वार्थ अब नही चाहिए तुम जाओ जाओ जाओ न क्यो हो तुम सबकुछ ले लेने के बाद तुम वो हो जिसके लिए कोई कितना भी कर ले मगर तुम्हे कमियाँ ही निकालनी है तुम नही बदल सकते मगर मै बदलना चाहती हूँ खुद को तुमने तो मुझे क्या बना दिया मेरा खुद का क्या अस्तितव् है अब तो ये भी कहाँ याद है पूरे दिन एक रोबोट की तरह बस मुझसे काम लेते गए जब मन खुश जब मन कुछ भी कह दिया मैंने कहा कभी कुछ कहा भाग्य में था बस यही तो माना मगर ये भाग्य है या दुर्भाग्य जो कभी तेरे स्वार्थ ने मेरा साफ दिल न देखा मेरे कर्म को न देखा अरे किसी है ये जिंदगी जिसमे सुकून और सुख का एक झोंका न आया जिसमे त्यौहार पर भी कलश का डर सताये कैसा ये भाग्य जो कभी जग ही न पाए काश......... ©Shira #jao