जीवन हो दुष्कर,तम गहन हो, हारना मत जिंदगी है चार दिन की, कभी मारना मत उठ चलो बढ, तार भव नैया लगा दो हो विपद कितनी ही बडी,हिय धारना मत। लक्ष्मी #Nature #तम(अंधेरा) #गहन #जिंदगी #तार #भव #नैया #विपदा #हिय