अगर चाहते हो हमें प्यार करना। सनम सामने आज इज़हार करना। सदा साथ का एक इकरार कर लो, मगर भूल से भी न इनकार करना। तुम्हारे अभी हाथ हम थाम लेंगे, हमें मूल में यार स्वीकार करना। जुदाई तुम्हें गर कभी भी मिले जो, सनम दिल की आँखों से दीदार करना। न टूटे कभी भी लड़ी प्यार की ये, कभी यार दुहरा न किरदार करना। #ग़ज़ल #प्यार_का_इज़हार #विश्वासी