वो जब भी मिलता है, तो कुछ मांगता क्यो है बहुत संगदिल है, पर मुझ से राबता क्यो हैं सूखी नदी जैसी जिन्दगी की क्या हैसियत वो बहता दरिया है, फिर भी मुझे चाहता क्यो है Nadi