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फ़सल कटी निकली बैसाखी, मौसम बिगड़ गया ये पाखी। बिज

फ़सल कटी निकली बैसाखी,

मौसम बिगड़ गया ये पाखी।

बिजली तड़पे आँधी आए,

बस तू ना आया मेरे साथी। साथियो दो दिन से थोड़ा व्यस्त हूँ इसलिए आपकी पोस्ट नही पढ़ पा रहा और न कुछ लिख पा रहा क्षमा चाहता हूँ। #शुभरात्री बने रहिये #पाठकपुराण के साथ और खिलाते रहिये #येरंगचाहतोंके बस ध्यान रखना है कि #विज्ञान_का_ताण्डव चल रहा है और उसके साथ प्रकृति भी अपना कोप दिखा रही है।इसलिए #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और देश 3 मई के साथ इसे आगे भी बढ़ा सकता है। घर पर ही रहें #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा जैसे दोषों को दूर करने में सहयोग दें ताकि मिलकर हम सभी #coronavirus  को खत्म कर पाएं।
जय हिंद
फ़सल कटी निकली बैसाखी,

मौसम बिगड़ गया ये पाखी।

बिजली तड़पे आँधी आए,

बस तू ना आया मेरे साथी। साथियो दो दिन से थोड़ा व्यस्त हूँ इसलिए आपकी पोस्ट नही पढ़ पा रहा और न कुछ लिख पा रहा क्षमा चाहता हूँ। #शुभरात्री बने रहिये #पाठकपुराण के साथ और खिलाते रहिये #येरंगचाहतोंके बस ध्यान रखना है कि #विज्ञान_का_ताण्डव चल रहा है और उसके साथ प्रकृति भी अपना कोप दिखा रही है।इसलिए #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है और देश 3 मई के साथ इसे आगे भी बढ़ा सकता है। घर पर ही रहें #सार्वजनिक_अनुशासन_की_कमी_एवं_अशिक्षा जैसे दोषों को दूर करने में सहयोग दें ताकि मिलकर हम सभी #coronavirus  को खत्म कर पाएं।
जय हिंद