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महफिल में बैठकर उनका जिक्र कर रहे थे न हाल पता था

महफिल में बैठकर उनका जिक्र कर रहे थे
न हाल पता था खुद का मगर उनकी फिक्र कर रहे थे
आहिस्ता आहिस्ता उनकी यादों ने हमें समेट दिया
बस वो जिंदगी थे मारी और हम उन्हें तलाश कर रहे थे ##ढूंढो मोहब्बत
महफिल में बैठकर उनका जिक्र कर रहे थे
न हाल पता था खुद का मगर उनकी फिक्र कर रहे थे
आहिस्ता आहिस्ता उनकी यादों ने हमें समेट दिया
बस वो जिंदगी थे मारी और हम उन्हें तलाश कर रहे थे ##ढूंढो मोहब्बत