आज की नई सुबह का नई सोच के साथ शुरुवात करते है, भूलकर पुराने गीले शिकवे गले मिलकर सब एक हो जाते है। दूसरों का मजाक बनाना बंद कर,मिलकर सब एकसाथ बैठ हस्ते है, मान लेते है की वो अलाह- भगवान एक ही है जो हमारे अंदर बस्ते है। पहनावे अलग है तो क्या हुआ,एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते है, रहन सेहन अलग है तो क्या हुआ,अपने विचारों को एक करते है। छोड़ अपने अन्दर बसी इस "मैं" की धारणा को ,आज "हम" बनने में विश्वास रखते है, आज की नई सुबह का एक नई सोच के साथ शुरुवात करते है। नई सुबह,नई सोच।#morning_thoughts #good_morning #respect_everyone #help_needy