ख़ता क्या थी मेरी जो यार मेरा रूठ गया वजह बता दे कोई ये रिश्ता यूं क्यूँ टूट गया जिसका हाथ पकड़ नसीब होता था रब वो हाथ इन हाथों से आज यूं क्यूँ छूट गया मेरे लिए कोहीनूर से कीमती था प्यार मेरा आज उसे कोई सरेआम यूं क्यूँ लूट गया देखे थे साथ उसके सपने जीने मरने के ना जाने कोई उन सपनों को यूं क्यूँ कूट गया जिस गुब्बारे में कैद थीं 'भारत' के उल्फत की यादें इतनी तेज हवाएं क्यों चलीं वो गुब्बारा यूं क्यूँ फूट गया अधूरा प्यार #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #GhazalPyaar #NojotoGhazal #Kalakaksh #Anthem