आईल ई कईसन बिपतिया हो, पियवा सूते ना लगिया। मोदी जी कहेले दूर- दूर रह, सट न छूव ,मू़ंहवो के ढक, कईसे ई कटी जिनिगीया हो, पियवा छूवे ना देहिया। आईल ई कईसन बिपतिया हो, पियवा सूते ना लगिया। दिन भर हाथवा सबुनीया से धोवे, भर घरे सेनेटाईजर दिन भर छीटे , लगे जांई त कहे धलीही बेमरिया हो, आवेना देबे पजरिया। आईल ई कईसन बिपतिया हो, पियवा सूते ना लगिया। जवानी के मनसा पूरा ना होखे, मनवा के लालसा मने में रहे, दिनवा त छोड़, बितल महीनवा हो, अब ना सहाता दरदिया। आईल ई कईसन बिपतिया हो, पियवा सूते ना लगिया। अब त बुझाता ई रोगवा ना जाई, जवानी के अगिया का असहीं बुझाई, मोदी जी करीं कुछ जतनिया हो, भगाई कोरोना सवतिनीया। आईल ई कईसन बिपतिया हो, पियवा सूते ना लगिया। **नवीन कुमार पाठक ** #भोजपुरी